प्रदेश का खाद्य तथा रसद विभाग मुख्य रूप से भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अधीन प्रदेश में खाद्यान्न, गेहूँ, चावल, मिट्टी का तेल, कोयला तथा अन्य पेट्रोलियम उत्पाद आदि की आपूर्ति एवं वितरण का कार्य करता है।

खाद्य एवं रसद विभाग के कार्यकलापों का मुख्य दायित्व प्रमुख सचिव/सचिव, खाद्य तथा रसद विभाग में निहित है जिसके अधीन मुख्यालय के माध्यम से आपूर्ति शाखा, विपणन शाखा, लेखा व खाद्य प्रकोष्ठ के कार्य कलापों का नियत्रंण एवं संचालन किया जाता है। विपणन शाखा का मुख्य दायित्व कृषकों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के उद्वेश्य से मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत खाद्यान्न का क्रय तथा केन्द्रीय पूल तथा स्टेट पूल के लिए गेहूँ व चावल की खरीद, खाद्यान्न व चीनी क्रमशः भारतीय खाद्य निगम तथा स्टेट पूल व पी0सी0एफ0 से प्राप्त कर राशन दुकानदारों को उपलब्ध कराना, दालों, तिलहनों, खाद्य तेलों व चीनी आदि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण रखने तथा उनकी जमाखोरी/काला बाजारी रोकने के उद्वेश्य से विभिन्न नियंत्रण आदेशों के अन्तर्गत प्रवर्तन कार्य करना है। इस हेतु खाद्य आयुक्त के अधीन मुख्यालय पर मुख्य विपणन अधिकारी, मण्डल स्तर पर संभागीय खाद्य नियंत्रक व संभागीय खाद्य विपणन अधिकारी, जिला स्तर पर जिला खाद्य विपणन अधिकारी व उनके अधीन वरिष्ठ विपनणन निरीक्षक एवं विपणन निरीक्षक मुख्य रूप से उत्तरदायी है। आपूर्ति शाखा का मुख्य दायित्व सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से प्रदेश की जनता को खाद्यान्न एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के साथ-साथ खाद्यान्न एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण रखना, उचित उपलब्धता बनाये रखना व जमाखोरी एवं काला बाजारी रोकने के उद्वेश्य से आवश्यक वस्तु अधिनियम व उसके अन्तर्गत बने विभिन्न नियंत्रण आदेशों के अन्तर्गत कार्य करना है। इस हेतु खाद्य आयुक्त के अधीन मुख्यालय स्तर पर उपायुक्त, खाद्य अधिकारी, वरिष्ठ पूर्ति निरीक्षक, पूर्ति निरीक्षक कार्यरत है। लेखा शाखा का मुख्य कार्य विभाग के वित्तीय मामलों तथा व्यय आदि के लेखा विवरण का नियमानुसार रख-रखाव सुनिश्चित कराना, व्ययों पर प्रभावी नियंत्रण रखना तथा लेखा अभिलेखों/ब्यय विवरणों का समय-समय पर सम्परीक्षा करते रहना है। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर वित्त सम्प्रेक्षक तैनात है। खाद्य प्रकोष्ठ मुख्य रूप से विभाग के विभिन्न नियंत्रण आदेशों के प्रवर्तन हेतु कोआर्डिनेशन तथा सम्गलिंग रोकने के लिए पुलिस से सम्पर्क स्थापित करके छापों को आयोजित करने का कार्य तथा विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्व प्राप्त भ्रष्टाचार/अनियमितताओं आदि की शिकायत की जांच करता है तथा दोषी पाये जाने पर यथोचित विधिक/विभागीय कार्यवाही के लिए संस्तुति करता है। इस हेतु मुख्यालय स्तर पर खाद्य आयुक्त के अधीन उप पुलिस महानिरीक्षक, सह अपर आयुक्त, पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस उप अधीक्षक तैनात है।

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